Brain Hemorrhage In Hindi : 2023 - कारण , लक्षण , बचाव , खतरा और इलाज

Brain Hemorrhage In Hindi : 2023 - कारण , लक्षण , बचाव , खतरा और इलाज


दोस्तों आपने कभी ना कभी ब्रेन हेमरेज जैसी घातक बीमारी के बारे में सुना होगा। ब्रेन हेमरेज एक प्रकार का दौरा होता है ( Stroke ) जिसमें दिमाग में मौजूद धमनी नस जो दिल से पूरे शरीर में खून पहुंचाती है वह फट जाती हैं और अपने आसपास के उत्तको को में रक्त स्त्राव करती हैं। ज्यादा ब्लीडिंग होने के कारण मस्तिष्क की कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं। इसीलिए ब्रेन हेमरेज काफी ज्यादा खतरनाक स्थिति हो सकती है। आज हम आपको ' Brain Hemorrhage In Hindi : 2023 - कारण , लक्षण , बचाव , खतरा और इलाज ' विस्तार से समझाएंगे।

    Brain Hemorrhage In Hindi : 2023 - कारण , लक्षण , बचाव , खतरा और इलाज 


    दिमाग में किसी रक्त वाहिका ( खून की नलियों ) के फट जाने से खून का बहाव शुरू हो जाता है जिसे हेमरेज स्ट्रोक कहते हैं। ज्यादा खून के बहने से दिमाग पर काफी ज्यादा दबाव पैदा होने लगता है जिसके कारण और कई सारे नुकसान हो सकते हैं। ब्रेन हेमरेज जैसी खतरनाक बीमारियों से अपने आप को बचाए रखना बहुत जरूरी है इसके लिए आपको पहले इसे समझना होगा और फिर अपनी जीवनशैली में उसी हिसाब से परिवर्तन करने होंगे। ब्रेन हेमरेज मुख्य रूप से हाई ब्लड प्रेशर , चोट लगना , गलत दवाइयां लेना आदि कारणों से होता है। ब्रेन हेमरेज होने का आभास व्यक्ति को कुछ समय पहले से ही होने लगता है। यह एक जानलेवा स्थिति होती है जिसमें व्यक्ति को जल्द से जल्द इलाज मिलना बहुत जरूरी है।

    ■ ब्रेन हेमरेज के मुख्य कारण ( Main Reasons Of Brain Hemorrhage In Hindi )

    दिमाग में खून की नसें फटने के कई कारण हो सकते हैं जो बहुत ही जोखिम भरे कारण होते हैं। ब्रेन हेमरेज होने के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं - 

    ■ उच्च रक्तचाप ( High Blood Pressure )
    जब व्यक्ति के शरीर में कौन रक्त वाहिकाओं में तेजी से बहने लगता है उस स्थिति को उच्च रक्तचाप कहते हैं। हाई ब्लड प्रेशर नसों को समय के साथ साथ कमजोर कर देता है जिस कारण नस फटने का खतरा बढ़ जाता है और ब्रेन हेमरेज हो सकता है। जिन व्यक्तियों का ब्लड प्रेशर ज्यादातर बड़ा रहता है उनको ब्रेन हेमरेज का खतरा ज्यादा होता है।

    ■ दिमाग पर चोट लगना
    किसी दुर्घटना मैं या हादसे में व्यक्ति के सिर में चोट लग जाने से ब्रेन हेमरेज का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ जाता है। इस स्थिति में खून को रोक पाना मुश्किल हो जाता है।

    ■ दिमाग में ट्यूमर ( Brain Tumor ) 
    दिमाग में मौजूद किसी भी प्रकार का ट्यूमर मुख्य रूप से ब्रेन हेमरेज का कारण बन सकता है। सिर के ट्यूमर का सबसे बड़ा जोखिम दिमाग की नसों को नष्ट करना ही माना जाता है।

    ■ एन्यूरिस्म ( Aneurysm )
    यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें आर्टरी नसों का बाहरी हिस्सा ज्यादा कमजोर हो जाता है जिसके कारण आर्टरी में सूजन होने लगती है। इसी कारण से आर्टरी कभी भी फट सकती है जिससे ब्रेन हेमरेज हो सकता है।

    ■ आर्टेरिओवेनॉस या एवीएम ( Arteriovenous Or AVM ) 
    यह समानताएं व्यक्ति मैं जन्म से भी मौजूद हो सकती हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें दिमाग की आर्टरी शरीर में खून को दिल या दिमाग तक नहीं पहुंचाती है और बीच में ही गुच्छा बना लेती है। इन्हीं कारण से दिमाग की नसें कमजोर होने लगती हैं। ज्यादा कमजोर नसों में ब्रेन हेमरेज के खतरे अधिक बढ़ जाते हैं। इस स्थिति को लक्षणों द्वारा भापा जा सकता है।

    ■ एमिलॉइङ अँजिओपैथी ( Amyloid Angiopathy )
    व्यक्ति की बढ़ती उम्र के साथ साथ रक्त वाहिकाओं में कुछ कमियां आनी शुरू हो जाती हैं। इस स्थिति में प्रोटीन ज्यादा मात्रा में एकत्रित होना शुरू हो जाता है जिसके कारण उच्च रक्तचाप होने लगता है। यह भी एक ब्रेन हेमरेज का कारण बन सकता है।

    ■ ज्यादा सोच विचार करना ( Over Thinking )
    कई बार मानव अपने दिमाग पर हद से ज्यादा जोर डालने लगता है और ज्यादातर समय सोच विचार में ही निकालता है। ज्यादा ओवरथिंकिंग करने से आपको दिमाग का दौरा पढने का खतरा काफी बढ़ जाता है।

    ■ अचानक कोई खबर मिलना ( Shocking News )
    व्यक्ति जब एक सामान्य स्थिति में होता है और उसको अचानक कोई ऐसी खबर दे दी जाए जिससे उसे झटका लगे या जिसकी उम्मीद उसने ना की हो कई बार ऐसी स्थिति में अचानक ब्रेन हेमरेज होने की शिकायत पाई जाती है।

    ब्रेन हेमरेज के मुख्य लक्षण ( Main Symptoms Of Brain Hemorrhage In Hindi )

    Brain Hemorrhage In Hindi : 2023 - कारण , लक्षण , बचाव , खतरा और इलाज


    एक व्यक्ति को ब्रेन हेमरेज होने के कई प्रकार के लक्षण हो सकते हैं निर्भर यह करता है कि ब्रेन हेमरेज दिमाग के किस हिस्से में हुआ है और उसमें रक्त स्त्राव कितना हो रहा है। यह लक्षण धीरे-धीरे करके व्यक्ति को दिखने लगते हैं। ब्रेन हेमरेज के मुख्य लक्षण निम्नलिखित है - 

    > उल्टी आना या उल्टी होने जैसा महसूस करना।

    > अचानक से बहुत तेज सिर दर्द होना।

    > बहुत ज्यादा सुस्ती महसूस होना।

    > शरीर के कई हिस्से सुन्न पड़ना।

    > बाजू या पैर में कमजोरी महसूस होना।

    > मुंह से कुछ खाने पीने में परेशानी होना।

    > हाथों में कंपन महसूस होना।

    > सर का घूमना और चक्कर आना।

    > किसी भी स्वाद का पता ना चलना।

    > बेहोशी की हालत हो जाना।

    > नजर का लगातार कमजोर होना।

    > बोलने और सुनने में परेशानी होना।

    > पूरे शरीर में झनझनाहट महसूस होना।

    ब्रेन हेमरेज से बचाव कैसे करें ( Prevention Of Brain Hemorrhage In Hindi )

    ब्रेन हेमरेज जैसी घातक स्थिति से व्यक्ति का बचाव बहुत जरूरी है। यह खतरनाक दोरा आपके लिए जानलेवा भी सिद्ध हो सकता है। इसी कारण ब्रेन हेमरेज का समय से बचाव बहुत जरूरी है। मुख्य बचाव - 

    > धूम्रपान बिल्कुल भी ना करें ।

    > अपने उच्च रक्तचाप हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में करें।

    > सड़क पर चलते समय हेलमेट का प्रयोग अवश्य रूप से करें।

    > किसी भी प्रकार की ड्रग्स या नशीले पदार्थ प्रयोग ना करें ।

    > ज्यादा सोच विचार और टेंशन बिल्कुल ना करें।

    > यदि आपकी मस्तिष्क की नसों में कोई समस्या है तो उसे डॉक्टर द्वारा सर्जरी से दूर किया जा सकता है।

    > समय-समय पर अपना रक्तचाप नापते रहे ।

    > किसी भी प्रकार के लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

    ब्रेन हेमरेज का इलाज ( Brain Hemorrhage Treatment In Hindi )

    यदि व्यक्ति समय से जागृत हो जाए तो ब्रेन हेमरेज का इलाज बिल्कुल संभव है। इसमें ज्यादा रक्त स्त्राव होने से पहले पहले आपको अस्पताल पहुंच जाना चाहिए और इलाज तुरंत ही शुरू हो जाना चाहिए।

    > जिस व्यक्ति को ब्रेन हेमरेज का दौरा पड़ता है सबसे पहले डॉक्टर द्वारा रक्त स्त्राव की रोकथाम की जाती है और यह जांच की जाती है कि ब्रेन हेमरेज दिमाग के किस हिस्से में हुआ है।

    > इसके बाद व्यक्ति के पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए उसे वेंटिलेटर पर रखा जाता है।

    > रक्त स्त्राव होने से खोपड़ी और दिमाग के बीच बने दबाव की जांच की जाती है।

    > यह प्रक्रिया बहुत जल्दी में की जाती है क्योंकि मरीज को उस स्थिति में रखना खतरे से खाली नहीं होता।

    > इसके बाद अब सर्जरी की प्रक्रिया शुरू की जाती है।

    > जरूरी नहीं हर प्रकार के ब्रेन हेमरेज में सर्जरी की ही जरूरत पड़े कुछ दवाइयों द्वारा भी नियंत्रण में की जा सकती हैं।

    > व्यक्ति के रक्तचाप को जल्दी से नियंत्रण में किया जाता है।

    > व्यक्ति के होश में आने के बाद उसे दर्द रोकने की दवाइयां दी जाती हैं।

    > इसी प्रकार ब्रेन हेमरेज के मरीज को कंट्रोल में करने के लिए उपचार किया जाता है।

    ब्रेन हेमरेज के बाद होने वाले खतरे ( Problems After Brain Hemorrhage In Hindi )


    यदि एक बार कोई व्यक्ति ब्रेन हेमरेज का शिकार हो जाता है और इससे उसका मस्तिष्क प्रभावित होता है तो उस मनुष्य को जीवन भर कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुछ खतरे हमेशा ब्रेन हेमरेज के मरीज के लिए बने रहते हैं।

    > शरीर का कोई अंग ज्यादा कमजोर हो जाना।

    > भोजन खाने में समस्या होना।

    > यादाश्त बहुत ज्यादा कमजोर हो जाना।

    > शारीरिक रूप से शरीर में परिवर्तन आना।

    > लकवा मारने की शिकायत होना।

    > बोलने और समझने में समस्या होना।

    > आंखों की रोशनी कम हो जाना।

    यदि आप या आपका कोई संबंधी ब्रेन हेमरेज के दौरे से ग्रस्त है तो आपको बिल्कुल भी तनाव लेने की जरूरत नहीं है। यदि नियमित रूप से इलाज किया जाए और जीवन शैली में परिवर्तन करके इससे उभरा जा सकता है। ज्यादा तनाव लेना आपकी स्थिति को और गंभीर कर सकता है। इसका सबसे अच्छा उपचार है हंसते बोलते रहिए और ज्यादा चिंता ना करें।


    दोस्तों मैं आशा करता हूं आप सब को यह जानकारी काफी पसंद आई होगी इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और अपना फीडबैक कमेंट करें।


    धन्यवाद 



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