Paralysis In Hindi : लकवा मारना , कारण , लक्षण , बचाव , इलाज और घरेलू नुस्खे

Paralysis In Hindi : लकवा मारना , कारण , लक्षण , बचाव , इलाज और घरेलू नुस्खे


आप लोगों ने कभी ना कभी लकवा मारना यानी किसी व्यक्ति का पैरालाइसिस होना जरूर सुना होगा। इसका मुख्य रूप से कारण दिमाग से शरीर के अंगों तक संदेश पहुंचाने वाली तंत्रिकाए प्रभावित हो जाती हैं। जिस कारण व्यक्ति के शरीर के कुछ अंग या कई स्थिति में पूरा या आधा शरीर कार्य करना बंद कर देता है। यदि इसका समय से इलाज ना करवाया जाए तो यह जीवन भर के लिए स्थाई हो जाता है। यह स्थिति व्यक्ति के लिए घातक सिद्ध हो सकती है। आज हम आपको ' Paralysis In Hindi : लकवा मारना , कारण , लक्षण , बचाव , इलाज और घरेलू नुस्खे ' के बारे में विस्तार से बताएंगे।

    Paralysis In Hindi : लकवा मारना , कारण , लक्षण , बचाव , इलाज और घरेलू नुस्खे 


    लकवा मारने पर किसी व्यक्ति का शरीर का बड़ा क्षेत्र कार्य करने में असफल हो जाता है। यह कई बार रीड की हड्डी प्रभावित होने के कारण भी हो सकता है। लकवा कई प्रकार का हो सकता है जो शरीर के अलग-अलग भागो में नजर आ सकता है। लकवा मारने पर जरूरी नहीं कि कोई बड़ा अंक या हिस्सा ही काम करना बंद करें बल्कि एक छोटी सी मांसपेशी भी पैरालाइज हो सकती है। इस खतरनाक बीमारी के बारे में आपको अवश्य जानकारी होनी चाहिए। इसको अंग्रेजी में पैरालिसिस ( Paralysis ) और हिंदी में लकवा मारना या पक्षाघात कहते हैं।

    लकवा मारने ( पैरालिसिस ) के मुख्य कारण : Main Reasons Of Paralysis In Hindi

    कई स्थिति में व्यक्ति को अचानक लकवा मारने की समस्या आ जाती है या कुछ समय पहले संकेत देखने को मिल सकते हैं। लकवा मारने के कई कारण हो सकते हैं। लकवा मारने के कारण निम्नलिखित हैं -

    > एक्सीडेंट हो जाने के कारण।

    > पोलियो के कारण।

    > अचानक सिर में गहरी चोट लगना।

    > सिर में कोई स्वास्थ्य समस्या आ जाना।

    > पार्किंसन्स रोग के कारण।

    > अनुवांशिकता के कारण।

    > रीड की हड्डी में चोट लगना या बचपन से कोई समस्या होना।

    > जीबीएस रोग होने के कारण।

    > तंत्रिका तंत्र यानी नर्वस सिस्टम में कुछ समस्या आना।

    > कोई गंभीर हादसा हो जाना।

    लकवा मारने ( पैरालिसिस ) के मुख्य लक्षण : Main Symptoms Of Paralysis In Hindi

    Paralysis In Hindi : लकवा मारना , कारण , लक्षण , बचाव , इलाज और घरेलू नुस्खे



    लकवा मारने से पहले यदि मरीज थोड़ी सी गौर करें तो इसके लक्षण आसानी से पहचाने जा सकते हैं। यह कुछ समय पहले से ही महसूस होना शुरू हो जाता है। या शरीर के कई हिस्से कार्य करना बंद कर देते हैं। लकवा मारने से पहले शरीर में झुनझुनी होने लगती है और कई अन्य सुन पड़ जाते हैं। जरूरी नहीं यह पूरे शरीर को ही अपना शिकार बनाए बल्कि यह शरीर के किसी एक तरफ के अंगों को ज्यादा प्रभावित करता है। इसके साथ ही सिर्फ कुछ अंगों को ही पैरालाइज कर सकता है। लकवा मारने के लक्षण निम्नलिखित हैं - 

    > सांस लेने में कठिनाई होना।

    > अचानक उल्टी होना।

    > पूरे शरीर में बेचैनी महसूस होना।

    > शरीर का सुन्न पड़ जाना।

    > मुंह से लार गिरने लगना।

    > बोलने और समझने में समस्या आना।

    > आंखों की देखने की क्षमता में कमी होना।

    > मूत्राशय पर नियंत्रण खो देना।

    > अचानक सिर में तेज दर्द होना।

    > अचानक व्यवहार में परिवर्तन होना।

    > कानों में सुनने में कमी होना।

    लकवा मारने ( पैरालिसिस ) के बचाव : Prevention Of Paralysis In Hindi

    लकवा जैसी घातक बीमारी से बचाव अत्यंत जरूरी है। यदि इससे बचाव ना किया जाए तो यह मरीज की स्थिति बहुत ज्यादा दयनीय कर देती है। लकवा से बचने के लिए कुछ बचाव निम्नलिखित हैं -

    > लकवा का सबसे कारगर बचाव नियमित रूप से व्यायाम करना है। व्यायाम करने से व्यक्ति की सभी मांसपेशिया कार्य करने की स्थिति में होती हैं। व्यायाम करने से व्यक्ति के शरीर में हलचल बनी रहती है जिस कारण शरीर स्वस्थ रहता है।

    > लकवा ज्यादातर किसी गंभीर चोट के लगने से भी हो जाता है। इसी कारण से अपने आपको ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित रखें और अपने सिर और रीड की हड्डी का मुख्य रूप से बचाव करें। जैसे कि रोड पर चलते समय , सीढ़ियां उतरते समय , या किसी अन्य जोखिम भरे कार्य को करते वक्त पूरी सावधानी बरतें।

    > एक ऐसे व्यक्ति जो लकवा का शिकार हो चुका है उसकी स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ सकती है इसके लिए कुछ उपकरणों की सहायता लेना जरूरी है जो व्यक्ति के पैरालाइज अंग को फिर से कार्य करने के लिए उपयोगी होते हैं।

    > यदि आपको या किसी संबंधी को कभी किसी प्रकार के लक्षण महसूस होते हैं तो बिना लापरवाही करें तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। जिससे समय रहते आप का इलाज शुरू किया जा सकता है।

    > यदि आपका कोई संबंधी लकवा ग्रस्त है तो उसको सही होने की ज्यादा से ज्यादा उम्मीद दे जिस कारण वह और भी जल्दी ठीक हो सकता है।

    लकवा मारने ( पैरालिसिस ) का सफल इलाज : Treatment Of Paralysis In Hindi 


    लकवा का शिकार हो जाने पर किसी व्यक्ति को इलाज भी अत्यंत जरूरत होती है। इलाज के माध्यम से ही वह अपनी पुरानी स्थिति में वापस जा सकता है। लकवा का इलाज व्यक्ति के लकवा के कारण और लक्षण पर भी निर्भर करता है। लकवा के कुछ प्रमुख इलाज निम्नलिखित है।

    1. Therapy ( थेरेपी )

    एक लकवा ग्रस्त व्यक्ति को शारीरिक थेरेपी की आवश्यकता होती है। थेरेपी के माध्यम से व्यक्ति की स्थिति सुधारी जा सकती है और कुछ समय में वह अपनी पुरानी अवस्था में आ सकता है। Therapy लकवा का बहुत कारगर इलाज है। इसमें धीरे-धीरे व्यक्ति के उन अंगों पर कार्य किया जाता है जो लकवा के कारण पैरालाइज हो गए हैं।

    2. Surgery ( सर्जरी )

    कई बार स्थिति ऐसी हो जाती है जिसमें लकवा ग्रस्त मरीज का किसी भी इलाज के माध्यम से उपचार नहीं हो पाता है। उस स्थिति में किसी अंग या शरीर के क्षेत्र को पुनः जवित करने के लिए सर्जरी का इलाज अपनाया जाता है। सर्जरी के बाद व्यक्ति के स्वस्थ होने की क्षमता बढ़ जाती है। कई बार जरूरत पड़ने पर व्यक्ति के अंग भी बदलने पड़ जाते हैं।

    3. Medicines ( दवाइयां )

    व्यक्ति की स्थिति को सुधारने और मांसपेशियों को फिर से काम करने के लिए डॉक्टर कुछ दवाइयां भी लिखते हैं। लकवा मारने पर बोटोक्स और पेन किलर दवाइयां दी जाती है। यह लकवा की स्थिति पर निर्भर करता है।

    4. Helpful Machine ( उपकरण )

    एक लकवा ग्रस्त व्यक्ति लकवा के पश्चात अपने दैनिक कार्य करने की स्थिति में नहीं होता है। उसके लिए चलने के लिए , खाने पीने के लिए , यात्रा करने के लिए , नहाने के लिए और पढ़ने लिखने के लिए ज्यादातर सभी कार्यों के लिए ऐसे उपकरण आते हैं जो मरीज के कार्य करने में उसकी मदद करते हैं। जैसे व्हीलचेयर , मोबाइल स्कूटर आदि।

    5. Ayurvedik Treatment ( आयुर्वेदिक इलाज )

    लकवा जैसी बीमारी का वैसे तो कोई स्थाई इलाज नहीं बताया जाता है परंतु भारत जैसे देश में लकवा का आयुर्वेदिक इलाज बहुत ज्यादा कारगर सिद्ध होता है। आयुर्वेदिक इलाज के माध्यम से व्यक्ति की स्थिति काफी ज्यादा संभाली जा सकती है। भारतीय जड़ी बूटियां हर प्रकार के रोग का निवारण करने में सक्षम रहती हैं।

    लकवा मारने ( पैरालिसिस ) के घरेलू नुस्खे : Home Remedies For Paralysis In Hindi

    ज्यादातर हर रोग में अंग्रेजी दवाइयों और सर्जरी से अलग हटकर भी घरेलू नुस्खे द्वारा इलाज संभव हो सकता है। यह घरेलू नुस्खे प्राचीन काल से चले आ रहे हैं और स्थिति को सामान्य करने में सफल भी रहे हैं। इसी प्रकार लकवा मारने पर कई घरेलू इलाज कारगर सिद्ध होते है। जैसे कि - 

    > रोजाना नियमित रूप से कलौंजी के तेल को हल्का गर्म करके मरीज की कम से कम 30 दिन तक मालिश करें। इससे मरीज को जरूर फायदा मिलेगा।

    > आधा लहसुन लेकर उसको दो चम्मच शहद में पीसकर 2 महीने सेवन करने से लकवा के मरीज की स्थिति सुधारने लगती है। लहसुन इस रोग में सबसे ज्यादा कारगर बताया जाता है इसका सेवन पानी के साथ भी कर सकते हैं।

    > 60 ग्राम काली मिर्च को तेल में मिलाकर गर्म कर लें इसके बाद जो भी अंग लकवा से प्रभावित है उस पर रोजाना लेप करें।

    > लकवा मारने पर नियमित रूप से उड़द और सौंठ को उबालकर उसका पानी ठंडा करके छानकर पीना चाहिए इससे लकवा धीरे-धीरे सही होने लगता है।

    > रोजाना गर्म दूध में छुहारे भिगोकर उन्हें ठंडा होने पर खाएं। आप 4 से 6 छुहारे ले सकते हैं।


    लकवा ( पैरालिसिस ) के बारे में पूछे गए कुछ प्रश्न -

    लकवा के शुरुआती लक्षण क्या है ?

    - लकवा मारने से पहले व्यक्ति को कमजोरी महसूस होना , मुंह टेढ़ा हो जाना , अपनी बात ना बोल पाना आदि लक्षण होते हैं।

    ● लकवा ठीक होने में कितना समय लगता है ?

    - लकवा ठीक होने में 6 महीने से लेकर डेढ़ साल तक का समय लग सकता है।

    ● लकवा में कौन से तेल की मालिश करनी चाहिए ?

    - लकवा मारने पर तिल के तेल की मालिश करनी चाहिए।

    ● लकवा किसकी कमी से होता है ?

    - लकवा अचानक जीवनशैली में परिवर्तन और विटामिन B12 और बी कॉन्प्लेक्स की कमी से हो जाता है।

    ● पैरालिसिस अटैक से पहले क्या होता है ?

    - पैरालिसिस या लकवा से पहले व्यक्ति के नर्वस सिस्टम में समस्या होने लगती है।



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    धन्यवाद 



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